मकड़ियाँ आमतौर पर अपने जाले में शिकार फंसाकर भोजन करती हैं, लेकिन क्या आपने कभी ऐसी मकड़ी के बारे में सुना है जो अपने शिकारी से बचने के लिए हवा में कलाबाज़ी (somersault) मारती है?
जी हाँ, हम बात कर रहे हैं फ्लिक-फ्लैक स्पाइडर (Flic-Flac Spider) की, जो धरती पर सबसे अनोखी और तेज़तर्रार मकड़ियों में से एक है। यह मकड़ी इतनी फुर्तीली है कि इसे ‘अल्टीमेट जंपिंग स्पाइडर’ भी कहा जाता है!
फ्लिक-फ्लैक स्पाइडर क्या है?
इस मकड़ी का वैज्ञानिक नाम Cebrennus rechenbergi है और यह मुख्य रूप से उत्तरी अफ्रीका के रेगिस्तानों में पाई जाती है। अन्य मकड़ियों की तरह यह अपने जाले का उपयोग शिकार के लिए नहीं करती, बल्कि शिकारी से बचने के लिए हवा में फ्लिप मारते हुए भागती है।

फ्लिक-फ्लैक स्पाइडर को पहली बार वैज्ञानिक इनगो रेचेनबर्ग ने खोजा था। उनकी स्टडी के अनुसार, यह मकड़ी जब किसी खतरे को महसूस करती है, तो यह अपने पैरों को मोड़कर कलाबाज़ी लगाकर तेजी से आगे बढ़ती है – कुछ वैसा ही जैसा जिमनास्टिक में होता है!
यह मकड़ी इतनी खास क्यों है?
सबसे अनोखी छलांग:
फ्लिक-फ्लैक स्पाइडर अपने शरीर की लंबाई से 50 से 100 गुना लंबी छलांग लगा सकती है! यह रेगिस्तान की गर्म रेत में ज़मीन पर तेजी से दौड़ने और हवा में लहराते हुए भागने दोनों में सक्षम है।
कलाबाज़ी वाली गति:
जब यह मकड़ी अपने शिकारी से बचने की कोशिश करती है, तो यह लगातार हवा में उलटती-पलटती है, जिससे यह बेहद तेज़ रफ्तार से आगे बढ़ सकती है। इसकी यह तकनीक इसे किसी भी अन्य शिकारी मकड़ी से अलग बनाती है।
शिकारी से बचने की अनोखी तकनीक:
अन्य मकड़ियों की तरह यह छिपकर या जाले के ज़रिए खुद को नहीं बचाती, बल्कि तेज़ी से भागती है! यह तेज़ हवा, पक्षियों और अन्य बड़े कीड़ों से बचने के लिए अपनी छलांग लगाने की ताकत का इस्तेमाल करती है।
रोबोटिक्स में उपयोग:
फ्लिक-फ्लैक स्पाइडर की यह खास चाल इंसानों को भी प्रेरित कर रही है! वैज्ञानिकों ने इस मकड़ी की कलाबाज़ी की तकनीक से प्रेरित होकर एक स्पेशल रोबोट भी डिज़ाइन किया है, जो इसी तरह हवा में लहराते हुए आगे बढ़ सकता है।
कहाँ पाई जाती है फ्लिक-फ्लैक स्पाइडर?
फ्लिक-फ्लैक स्पाइडर मुख्य रूप से सहारा रेगिस्तान और मोरक्को के कुछ हिस्सों में पाई जाती है। यह मकड़ी रेत में छोटे-छोटे बिल बनाकर रहती है, जिससे यह दिन की गर्मी से बच सके।
- रात के समय यह शिकार के लिए बाहर निकलती है और अपने पर्यावरण में पूरी तरह से घुल-मिल जाती है।
- इसका रंग हल्का भूरा होता है, जिससे यह रेगिस्तान की रेत में छिपने में माहिर होती है।
- यह मुख्य रूप से कीड़े और छोटे जीवों का शिकार करती है।
क्या यह मकड़ी जहरीली होती है?
नहीं! फ्लिक-फ्लैक स्पाइडर जहरीली नहीं होती, लेकिन यह आत्मरक्षा के लिए बेहद तेज़ होती है। अगर कोई शिकारी (जैसे कि पक्षी या छिपकली) इसका पीछा करता है, तो यह तेजी से छलांग लगाते हुए बच निकलती है।
वैज्ञानिक रिसर्च और रोबोटिक्स में इसका योगदान:
फ्लिक-फ्लैक स्पाइडर की यह अनोखी चाल वैज्ञानिकों और रोबोटिक्स इंजीनियर्स के लिए भी दिलचस्प बन गई है।
वैज्ञानिक इस मकड़ी से प्रेरणा लेकर ऐसे रोबोट डिज़ाइन कर रहे हैं जो ऊबड़-खाबड़ सतहों पर आसानी से आगे बढ़ सकें।
इस तकनीक का उपयोग अंतरिक्ष मिशन और खोजी अभियानों में भी किया जा सकता है।
अंत में जाते जाते:
फ्लिक-फ्लैक स्पाइडर धरती की सबसे अनोखी मकड़ियों में से एक है। इसकी अद्भुत छलांग, कलाबाज़ी और शिकारी से बचने की तकनीक इसे बाकी मकड़ियों से अलग बनाती है।
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