बिन्तुरोंग (Binturong):
परिचय: पेड़ों पर घूमने वाला ‘भालू-बिल्ली’
दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के घने वर्षावनों में, जब आप किसी अनजान खुशबू का पीछा करते हुए किसी शाखा की ओर देखते हैं, तो वहां आपको एक अनोखा जीव मिल सकता है — बिन्तुरोंग।
इसे लोग “Bearcat” यानी भालू-बिल्ली भी कहते हैं, लेकिन न तो यह असली भालू है, न ही बिल्ली।
सबसे रोचक बात – इसकी बॉडी से निकलती है पके हुए पॉपकॉर्न जैसी खुशबू, जिसे महसूस कर हर कोई हैरान रह जाता है!

I. वैज्ञानिक वर्गीकरण और शारीरिक बनावट
- वैज्ञानिक नाम: Arctictis binturong
- परिवार: Viverridae (सिवेट और जेनट जैसे जानवर)
- लंबाई: शरीर – 60 से 100 सेमी, पूंछ – 50 से 90 सेमी
- वजन: 9 से 20 किलोग्राम
- रंग: गाढ़ा काला या ग्रे, झबरीला फर
- चेहरा: छोटी आंखें, गोल कान, लंबी सफेद मूंछें
- विशेषता: इनकी पूंछ Prehensile होती है — यानी ये पूंछ से पेड़ की डालियों को पकड़ सकते हैं।
बिन्तुरोंग की चाल धीरे-धीरे होती है और जब ये किसी डाल पर चलते हैं, तो उसकी झबरीली पूंछ संतुलन बनाने में मदद करती है।
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II. निवास स्थान और भौगोलिक विस्तार
बिन्तुरोंग मुख्य रूप से दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाए जाते हैं:
- भारत (पूर्वोत्तर, असम, अरुणाचल प्रदेश आदि)
- नेपाल, बांग्लादेश, भूटान
- म्यांमार, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, वियतनाम
- बोर्नियो, सुमात्रा जैसे द्वीप
ये मुख्यतः घने, आर्द्र (humid) और सदाबहार (evergreen) जंगलों में रहते हैं।
पेड़ों पर रहना, रात को सक्रिय रहना और चुपचाप अपना इलाका बनाना — ये इनकी पहचान है।
III. बिन्तुरोंग (Binturong) की अनोखी गंध – पॉपकॉर्न का रहस्य
बिन्तुरोंग के शरीर से ऐसी खुशबू आती है जैसी पॉपकॉर्न या ताज़ी ब्रेड की आती है।
कारण:
इनकी सेंट ग्रंथियों (scent glands) से 2-acetyl-1-pyrroline (2-AP) नामक यौगिक निकलता है। यही कंपाउंड पॉपकॉर्न में भी मिलता है, जब वह सेंका जाता है।
- यह गंध इनकी सीमाएं तय करने, साथी को आकर्षित करने और संवाद के लिए होती है।
- कई बार जंगल में घूमने वाले लोग या वैज्ञानिक सोचते हैं कि पास में कोई खाना बना रहा है, लेकिन असल में वहां बिन्तुरोंग होता है!
IV. खानपान और जीवनशैली
बिन्तुरोंग सर्वाहारी (Omnivore) है:
- फल, बेर, अंजीर, पपीता, केला
- छोटे स्तनधारी, पक्षी, अंडे
- कीड़े-मकोड़े, मछली
- कभी-कभी मरे हुए जानवर (Scavenger) भी
इनका मुख्य आहार फल ही है, इसलिए ये बीज फैलाने में भी जंगल की मदद करते हैं।
ये अक्सर अकेले या कभी-कभी परिवार के साथ पेड़ों पर घूमते हैं।
V. व्यवहार और सामाजिक जीवन
- बिन्तुरोंग रात को ज्यादा सक्रिय (Nocturnal) रहते हैं।
- ये शेर या बाघ की तरह आक्रामक नहीं होते; ज्यादातर समय शर्मीले और एकांतप्रिय होते हैं।
- इनके पास एक तेज़, गरजती सी आवाज़ होती है, जिसे ये खतरे के वक्त निकाल सकते हैं।
- Territorial होते हैं — यानी हर बिन्तुरोंग का अपना इलाका होता है, जिसे वो गंध से चिन्हित करता है।
पूंछ का कमाल:
इनकी पूंछ सिर्फ पकड़ने के लिए ही नहीं, बल्कि शरीर को बैलेंस करने, नीचे उतरने और पेड़ पर लटकने के लिए भी है। दुनिया में बहुत कम स्तनधारी ऐसे हैं जिनकी पूंछ इतनी ‘स्मार्ट’ हो।

VI. विकास और अनुकूलन
- Binturong के पंजे और नाखून मजबूत होते हैं, जिससे ये पेड़ की छाल पकड़ सकते हैं।
- आंखें रात में देखने लायक होती हैं, जिससे अंधेरे में भी आसानी से शिकार या फल ढूंढ लेते हैं।
- Binturong के फर में तेलियापन होता है, जिससे बारिश का पानी अंदर नहीं जाता और वे नम वातावरण में भी सूखे रहते हैं।
VII. सांस्कृतिक और स्थानीय मान्यताएँ
- भारत के कुछ हिस्सों में बिन्तुरोंग को “कस्तूरी बिलाव” या “भालू-बिल्ली” कहा जाता है।
- कुछ जनजातियाँ इसकी गंध को शुभ मानती हैं, तो कहीं इसकी आवाज़ से डरती भी हैं।
- पूर्वी भारत और म्यांमार में माना जाता है कि अगर बिन्तुरोंग दिख जाए तो बरसात अच्छी होगी!
VIII. क्या बिन्तुरोंग (Binturong) इंसानों के लिए खतरनाक है?
अक्सर लोग सोचते हैं —
क्या इतना अनोखा जानवर इंसानों के लिए खतरनाक है?
उत्तर:
- बिन्तुरोंग बहुत शर्मीला और डरपोक जानवर है, जो इंसानों से दूर रहना पसंद करता है।
- Binturong तभी हमला करता है जब उसे खुद की जान का डर हो या अगर कोई उसे पकड़ने की कोशिश करे।
- आमतौर पर इंसानों के लिए बिल्कुल भी खतरनाक नहीं है।
- इनके नुकीले दांत और पंजे होते हैं, लेकिन सिर्फ आत्मरक्षा में ही इस्तेमाल करते हैं।
- इनका असली खतरा सिर्फ शिकारियों, जंगल की कटाई और तस्करी करने वालों से है — इंसानों के लिए नहीं।
IX. पारिस्थितिकी तंत्र में भूमिका
- बिन्तुरोंग जंगल में बीज फैलाने का काम करता है, जिससे पेड़ों की नई पीढ़ी पनपती है।
- ये कई तरह के फलों के बीज अपने मल के साथ दूर-दूर तक फैला देते हैं, जो जंगल के स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है।
- छोटे कीटों, सरीसृपों और पक्षियों की संख्या नियंत्रित रखते हैं।
X. संकट और संरक्षण
IUCN Red List: Vulnerable (लुप्तप्राय की ओर)
मुख्य खतरे:
- जंगलों की कटाई (Deforestation)
- अवैध शिकार व तस्करी (Illegal Wildlife Trade)
- सड़क निर्माण, शहरीकरण
- पारंपरिक दवाओं और फर के लिए शिकार
संरक्षण उपाय:
- कई देशों में इनके शिकार पर सख्त कानून
- राष्ट्रीय उद्यानों, संरक्षित क्षेत्रों में संरक्षण
- जागरूकता अभियान, स्कूलों में शिक्षा
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वन्यजीव तस्करी के खिलाफ सहयोग
XI. रोचक तथ्य – बिन्तुरोंग (Binturong) के बारे में जानिए ये 10 बातें
- Binturong की गंध पॉपकॉर्न जैसी क्यों होती है?
– “2-AP” नामक कंपाउंड से, जो खाना पकाने में भी खुशबू देता है। - ये बिल्ली, भालू या कुत्ते से कोई संबंध नहीं रखता।
- पूंछ पकड़ने के काम आने वाली (Prehensile) होती है — बहुत दुर्लभ गुण।
- अपने शरीर से सीमाएं तय करने के लिए गंध छोड़ता है।
- रात के समय ही शिकार और सफर ज्यादा करता है।
- सबसे ज्यादा बीज फैलाने वाले स्तनधारियों में शामिल।
- मादा बिन्तुरोंग नर से बड़ी होती है।
- बालों की बनावट रेशमी और झबरीली होती है।
- कभी-कभी पेड़ से बिना छलांग लगाए उल्टा लटक भी जाता है।
- भारत के अलावा मलेशिया, इंडोनेशिया, वियतनाम आदि में भी पाया जाता है।
XII. FAQ – बिन्तुरोंग (Binturong) से जुड़े आम सवाल
Q1. क्या बिन्तुरोंग पालतू बनाया जा सकता है?
A: नहीं, ये पूरी तरह वाइल्ड एनिमल है और संरक्षण के अंतर्गत है।
Q2. क्या इसकी गंध वाकई पॉपकॉर्न जैसी होती है?
A: हां, वैज्ञानिकों ने इस पर कई रिसर्च किए हैं — जंगल में इसकी पहचान इसी खुशबू से हो जाती है।
Q3. क्या ये पक्षियों का शिकार करता है?
A: हां, ज़रूरत पड़ने पर ये छोटे पक्षी, अंडे और चूजे भी खा सकता है, पर इसका मुख्य भोजन फल ही हैं।
Q4. जंगल में इसे सबसे ज्यादा खतरा किससे है?
A: जंगल की कटाई और अवैध तस्करी से।
Q5. भारत में इसे सबसे ज्यादा कहां देखा जा सकता है?
A: पूर्वोत्तर के जंगलों और असम, अरुणाचल के संरक्षित क्षेत्रों में।
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XIII. निष्कर्ष: प्रकृति का छुपा हुआ रक्षक
बिन्तुरोंग (Binturong) न सिर्फ अपने अनोखे रूप और गंध से हमें चौंकाता है,
बल्कि जंगल के संतुलन को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता है।
अगर हमें वनों की जैव विविधता और रहस्यमय जीवों को बचाना है,
तो ऐसे दुर्लभ प्राणियों की रक्षा और संरक्षण जरूरी है।
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