मालाबार जायंट गिलहरी:
परिचय: एक रंगीन छाया जो जंगल की ऊँचाई में रहती है
जब आप दक्षिण भारत के वेस्टर्न घाट या महाराष्ट्र के जंगलों की ओर यात्रा करते हैं, तो हो सकता है किसी ऊँचे पेड़ की डाली पर अचानक कोई बड़ी, रंग-बिरंगी आकृति छलांग लगाती दिख जाए।
पहली नजर में शायद आपको लगे कि ये कोई बंदर है, पर असल में ये है — मालाबार जायंट गिलहरी।
जिसे अंग्रेज़ी में Indian Giant Squirrel और वैज्ञानिक नाम से Ratufa indica कहा जाता है।
इसका रंग, आकार और जीवनशैली इसे न सिर्फ भारतीय जीव-जगत का नायाब हीरा बनाती है, बल्कि वैज्ञानिकों के लिए भी एक पहेली है।
I. पहचान और वैज्ञानिक वर्गीकरण
- वैज्ञानिक नाम: Ratufa indica
- परिवार: Sciuridae
- लंबाई: सिर से पूंछ तक 2.5 से 3 फीट तक
- रंग: गहरा भूरा, जामुनी, सुनहरा, काला और हल्का क्रीम (एक साथ चार–पांच रंग)
- अन्य नाम: मालाबार जायंट गिलहरी, विशाल भारतीय गिलहरी
खासियत:
- यह भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे बड़ी गिलहरी है
- इसका शरीर और पूंछ दोनों बहुत घने, मुलायम और लंबे बालों से ढके होते हैं
- बड़े, गोल, काले और जिज्ञासु आंखें
- छोटी, प्यारी, घनी बालों वाली कानें
- मजबूत पंजे और नुकीले नाखून
- पूंछ का आकार और रंग उसके छिपने व संतुलन दोनों में मदद करता है
हमारे Youtube चैनल The Rising Irish पर Frogmouth Bird हिन्दी वीडियो देखें:
II. रहवास: जंगल की ऊँचाई में छुपा जीवन
मालाबार जायंट गिलहरी भारत के वेस्टर्न घाट, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, गोवा, तमिलनाडु, और आंध्रप्रदेश के घने जंगलों में पाई जाती है।
इनका मुख्य घर बड़े–बड़े सदा-हरी वृक्ष होते हैं — जैसे साल, जामुन, पीपल, बरगद, आम आदि।
ये ज्यादातर समय पेड़ की ऊँची डालियों पर ही रहती हैं और बहुत ही कम मौकों पर ज़मीन पर आती हैं।
पेड़ों के ऊपरी हिस्से में घूमना, कूदना और घोंसला बनाना इनकी आदत है।
यह घोंसला (ड्रे) टहनियों, पत्तों और छाल के रेशों से गोलाकार आकार में बनाया जाता है।
III. जीवनशैली और व्यवहार: छलांग, दौड़ और छुपाव
- मालाबार जायंट गिलहरी की सबसे बड़ी विशेषता है — 30 फीट तक की छलांग।
- एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर इतनी लंबी छलांग लगाना उसके लिए रोज़मर्रा की बात है।
- इसकी मांसपेशियां बहुत मजबूत और लचीली होती हैं, जिससे संतुलन बना रहता है।
- मालाबार जायंट गिलहरी का वजन हल्का, लेकिन शरीर लंबा और फ्लैक्सीबल होता है।
- घने जंगल में यह अपने रंगीन शरीर से पेड़ की छाया में इतनी अच्छी तरह छुप जाती है कि शिकारी भी धोखा खा जाएं।
रंगीन फर का लाभ:
इसका गहरा जामुनी, भूरा, और क्रीम रंग, पेड़ों के पत्तों, शाखाओं और सूरज की रौशनी में छाया के बीच मिलकर गिलहरी को अदृश्य बना देता है।
IV. आहार: जंगल का सुपर–फ़ूडिस्ट
- यह गिलहरी शाकाहारी है
- इसके मुख्य भोजन में फल, बीज, फूल, पत्ते, कली, और कभी-कभी छाल शामिल है
- आम, जामुन, अंजीर, नारियल, महुआ, काजू, अमरूद, कटहल जैसी चीजें इसकी फेवरेट हैं
- कई बार यह फूलों का रस और बीज खाने के लिए शाखाओं पर उलटी भी लटकती है
- मजबूत दांत और तेज़ नाखून से फल को खोल लेती है
मज़ेदार बात:
अगर एक पेड़ पर भोजन की कमी हो तो यह बिना किसी हिचकिचाहट के 25-30 फीट दूर के अगले पेड़ पर छलांग लगा देती है।
V. प्रजनन और जीवनचक्र:
- मालाबार जायंट गिलहरी का घोंसला पेड़ की सबसे ऊँची डाली पर, गोल, बड़ा और आरामदायक होता है
- मादा साल में दो बार, आमतौर पर 2-3 बच्चों को जन्म देती है
- शावक पूरी तरह अंधे और बाल रहित होते हैं
- माँ करीब एक महीना उन्हें घोंसले में ही छुपा कर रखती है
- 6-8 हफ्ते बाद बच्चे बाहर निकलना शुरू करते हैं
- जब तक बच्चे पेड़ पर चलने और कूदने में माहिर नहीं हो जाते, माँ हमेशा सतर्क रहती है
VI. शिकार और खतरे: जंगल की रानी पर संकट
- जंगलों की कटाई और शहरीकरण से इनका प्राकृतिक आवास घट रहा है
- कई जगह लोग गिलहरी के फर, मांस या केवल शौक में इनका शिकार करते हैं
- बिल्लियाँ, बड़ी चीलें, साँप आदि इनके प्राकृतिक शिकारी हैं
- लेकिन सबसे बड़ा खतरा इंसान द्वारा जंगलों की सफाई और फसलों के लिए पेड़ों की कटाई से है
VII. संरक्षण और जागरूकता:
- भारत सरकार और कई राज्य वन विभागों ने मालाबार जायंट गिलहरी के संरक्षण के लिए संरक्षित वन और अभयारण्य बनाए हैं
- कई NGO और वन्य जीव विशेषज्ञ जंगल में गिनती, घोंसले की निगरानी, और समुदाय में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं
- अब स्कूलों में बच्चों को इस दुर्लभ जीव के बारे में पढ़ाया भी जाता है
VIII. रोचक तथ्य: मालाबार जायंट गिलहरी के बारे में
- भारतीय वन्यजीव संस्थान ने इसे “फ्लाइंग स्क्विरल” का भ्रम कहा है — असल में ये उड़ती नहीं, छलांग लगाती है
- एक बार में 3-4 पेड़ों की दूरी कवर कर सकती है
- इसकी पूंछ, शरीर से भी लंबी और काफ़ी घनी होती है
- यह दिन में सबसे ज्यादा एक्टिव रहती है — सूर्योदय से दोपहर और फिर शाम
- मुश्किल से ज़मीन पर उतरती है, केवल कभी-कभार पानी पीने या फलों के लिए
- इसके मूत्र में गंध होती है जिससे क्षेत्र चिह्नित करती है
- इसकी दाढ़ीदार गाल और सफेद मूंछें, लुक को और भी स्पेशल बनाती हैं
- मालाबार जायंट गिलहरी का जिक्र भारतीय लोककथाओं और कहावतों में भी होता है
- वेस्टर्न घाट के जंगलों में इसकी आवाज़ दूर तक सुनाई देती है
- दुनिया की सिर्फ कुछ गिनी-चुनी गिलहरियों में इतना रंग और आकार देखने को मिलता है
Watch English video of our youtube channel:
IX. FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. मालाबार जायंट गिलहरी भारत के किन राज्यों में पाई जाती है?
A: मुख्यत: महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और गोवा के वेस्टर्न घाट के जंगलों में।
Q2. क्या यह गिलहरी सच में उड़ सकती है?
A: नहीं, यह उड़ती नहीं, लंबी छलांग लगाती है — कभी-कभी 30 फीट से भी ज्यादा।
Q3. क्या इसे घर में पाल सकते हैं?
A: नहीं, यह वाइल्ड एनिमल है और संरक्षण सूची में शामिल है। घर या शहर में इसका जीवन संभव नहीं।
Q4. क्या मालाबार जायंट गिलहरी लुप्तप्राय है?
A: फिलहाल यह “Least Concern” श्रेणी में है, लेकिन तेजी से घटते जंगल इसके लिए खतरा हैं।
Q5. इस गिलहरी की उम्र कितनी होती है?
A: जंगल में 10-12 साल तक आसानी से जी सकती है।
X. निष्कर्ष: रंगों और छलांगों की रानी – हमारी भारतीय गिलहरी
मालाबार जायंट गिलहरी न सिर्फ हमारी जैव विविधता का गर्व है, बल्कि यह भारतीय जंगलों की प्राकृतिक सुंदरता का जीता-जागता उदाहरण भी है।
उसकी दुनिया पेड़ों की ऊँचाई में, हरी-भरी डालियों के बीच, रंगों की छाया में और छलांगों के रोमांच में बसती है।
हमें चाहिए कि हम अपने जंगल, पेड़ और ऐसे अद्भुत जीवों की रक्षा करें —
क्योंकि जब जंगल मुस्कुराते हैं, तभी गिलहरी जैसे रंगीन सपने सच होते हैं!
इस पर अधिक जानकारी यहाँ भी देख सकते हैं.
और पढ़ें:
ऐसे ही अद्भुत जानवरों की और कहानियाँ पढ़ने के लिए —
Animal Facts सेक्शन
ऐसी और भी हैरान करने वाली, विज्ञान से भरी और विस्तारपूर्ण जानवरों की कहानियाँ पढ़ते रहिए — therisingirish.com पर!
यहाँ हर ब्लॉग एक नई दुनिया खोलता है।
हमारे नए आर्टिकल का अपडेट तुरंत पाने के लिए हमारा WhatsApp Channel The Rising Irish ज्वाइन करें।
Read Also:
बिन्तुरोंग: वह जानवर जिसकी खुशबू पॉपकॉर्न जैसी होती है
ज़मीन पर चलने वाला कोबरा का सबसे बड़ा दुश्मन
और अगर आप ज्योतिष एवं कुण्डली में भी रुचि रखते हैं, तो अपनी कुंडली यहां पर निःशुल्क जाने हमारे Ai powered Kundali Gyan GPT द्वारा: