कुसमरा (मैनपुरी), 6 सितम्बर।
गणपति सेवा समिति के तत्वावधान में नगर के देव स्मारक भवन परिसर में आयोजित गणेश महोत्सव का विसर्जन शनिवार को धार्मिक उत्साह और भक्तिभाव के बीच सम्पन्न हुआ। श्रीमद्भागवत कथा के समापन और विशाल भंडारे ने इस आयोजन को और भी भव्य बना दिया।
कुसमरा में गणेश महोत्सव का विसर्जन चरण दर चरण:
सुबह से उमड़ी भीड़
शनिवार को सुबह से ही कथा पंडाल में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी थी। कथा श्रवण के बाद भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। लगभग ग्यारह बजे जब विसर्जन यात्रा कथा पंडाल से निकली तो पूरा नगर भक्ति की गूंज से भर गया।

📷 फ़ोटो परिचय:
कुसमरा में गणेश विसर्जन के दौरान पूजन करते गणेश भक्त।
शोभायात्रा का नजारा
बैंड-बाजों की मधुर ध्वनियों और भक्ति भजनों के बीच युवा झूमते-थिरकते नजर आए। शोभायात्रा जब यादव नगर चौराहे, उजागरपुर सहित प्रमुख मार्गों से गुज़री तो हर जगह श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। जगह-जगह प्रसाद वितरण और जलपान की व्यवस्था भी की गई।
गंगा नहर पर विसर्जन
तत्पश्चात शोभायात्रा निचली गंगा नहर की ओर बढ़ी, जहां मंत्रोच्चार और विधि-विधान से गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया गया। भक्तों ने कलशों का पूजन कर जलधारा में प्रवाहित किया। वातावरण “गणपति बप्पा मोरया” के जयघोष से गूंज उठा।
आयोजन समिति और प्रमुख चेहरे
इस अवसर पर गणपति सेवा समिति के पदाधिकारियों और स्थानीय युवाओं ने आयोजन को सफल बनाने में विशेष भूमिका निभाई। विसर्जन यात्रा में परीक्षित उमेशचंद्र, अनूप पांडेय, विनोदी मिश्रा, पवन तिवारी, प्रांजुल शुक्ल, पवन मिश्रा, सुमित दीक्षित, सोनू यादव, आकाश अवस्थी, अम्बर तिवारी, सुरेशचंद्र शाक्य, अंकित ठाकुर, आकाश मिश्रा, देवांश मिश्रा, आयुष गुप्ता, सचिन मिश्रा, राजा शुक्ल समेत दर्जनों गणेश भक्त शामिल हुए।
श्रद्धालुओं की भावनाएं
श्रद्धालुओं ने बताया कि गणेश महोत्सव अब कुसमरा की सामाजिक और धार्मिक पहचान का हिस्सा बन चुका है। हर वर्ष यहां कथा, भजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें नगर ही नहीं बल्कि आस-पास के गांवों से भी लोग शामिल होते हैं।
भंडारे में उमड़ी भीड़
विसर्जन यात्रा के बाद देव स्मारक भवन परिसर में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया।
परंपरा और समाजिक एकता
आयोजन समिति के सदस्यों का कहना है कि गणेश महोत्सव न केवल धार्मिक आयोजन है बल्कि यह समाज में एकता और सद्भाव का प्रतीक भी है। युवा वर्ग इस अवसर पर समाज सेवा और सहयोग की भावना से कार्य करता है।